Menu
blogid : 4841 postid : 25

रानी चेन्नमा

मेरी कवितायें
मेरी कवितायें
  • 38 Posts
  • 30 Comments

भारत के इतिहास मे,
नाम खुदा है स्वर्णाक्षरों मे।

नहीं केवल राजाओ का ही,
साथ मे नाम रानियो का भी।

मर गयी वो देश के लिए,
नहीं जी सकी अपने लिए।

इनमे से थी कई विरंगना,
लक्ष्मीबाइ व रानी चेन्नमा।

बनाया जब शेर को निशाना,
राजा हो गया उसका दिवाना।

मांगा झट से उसका हाथ,
राजा ने भी दिया साथ।

बन गयी रानी कित्तूर की,
गम नहीं उसकी दूर थी।

मर गया था राजा,
मौका अंगरेजों ने पाया।

सोचा कर ले कब्जा,
रानी से गए टकरा।

हर का मुंह लेकर,
भाग गए मैदान छोडकर।

फिर लगा दी अपनी शक्ति,
रानी बन गयी थी बंदी ।

मर गयी बंदी गृह मे विरंगना,
वह वीर थी रानी चेन्नमा ।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh