मेरी कवितायें
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अभी कठोर गर्मी थी,
अभी सुहानी हवा चल दी,
अभी थी वहाँ उदासी,
अभी बादल ओर चिड़िया उड़ती,
मौसम का मिजाज है,
कभी खुश कभी उदास है,
आसमां मे फैले जो है,
बादल ये क्या कहते है,
ये नीला समंदर है,
उस पर फैले सफ़ेद रेत है,
सुनहरी हवा है,
पक्षियों की चहक है,
बूंदों का इंतजार है,
रिमझिम की महक है,
ये उड़ती चिड़िया है,
या तैरती मछलियाँ है,
चलती ये हवा है,
या पानी की लहर है,
ये नीला आसमान है,
या नीला समुद्र है,
ये सुनहरे बादल है,
या फिर सुनहरे रेत है,
ये जो मौसम है,
प्रकृति का अदभूत मेल है,
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