Menu
blogid : 4841 postid : 41

अभी कठोर गर्मी थी,

मेरी कवितायें
मेरी कवितायें
  • 38 Posts
  • 30 Comments

अभी कठोर गर्मी थी,
अभी सुहानी हवा चल दी,

अभी थी वहाँ उदासी,
अभी बादल ओर चिड़िया उड़ती,

मौसम का मिजाज है,
कभी खुश कभी उदास है,

आसमां मे फैले जो है,
बादल ये क्या कहते है,

ये नीला समंदर है,
उस पर फैले सफ़ेद रेत है,

सुनहरी हवा है,
पक्षियों की चहक है,

बूंदों का इंतजार है,
रिमझिम की महक है,

ये उड़ती चिड़िया है,
या तैरती मछलियाँ है,

चलती ये हवा है,
या पानी की लहर है,

ये नीला आसमान है,
या नीला समुद्र है,

ये सुनहरे बादल है,
या फिर सुनहरे रेत है,

ये जो मौसम है,
प्रकृति का अदभूत मेल है,

Tags:   

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh