मेरी कवितायें
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जिंदगी से क्या मिला,
जिंदगी ने क्या दिया,
सब जिंदगी का कर्ज था,
जिंदगी को लौटा दिया,
कल आए थे दुनिया मे,
आज दुनिया से विदा लिया,
तेरा मेरा- मेरा तेरा,
अब सब कुछ भुला दिया,
माया ने माया मे उलझाया था,
आज अंत ने सच बता दिया,
जिस पैसे के लिए लड़ते थे,
वो पैसा भी आज छोड़ दिया,
मारना है ये जानते थे मगर,
माया ने जाने क्या क्या करवा दिया।
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